एक था टाइगर फिल्म 2012 में आई थी। इसमें सलमान खान ने रॉ एजेंट अविनाश राठौड़ यानी टाइगर की भूमिका निभाई थी।
फैंस ने उन्हें इतना पसंद किया की इस फिल्म की फ्रेंचाइजी बन गई। इसकी तीसरी किश्त टाइगर 3 हल ही में रिलीज़ हुई है और धुआंधार कमाई कर रही है।
12 नवंबर को फिल्म थियेटर्स में रिलीज हुई है, लेकिन 2 दिन में ही 100 करोड़ का आकड़ा पार कर लिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं, यह टाइगर असली में है कौन? यह आइडिया आखिर आया कहां से था?
दरअसल, टाइगर सही मायने में भारत का जासूस था। जो RAW के लिए काम करता था। उनका असली नाम था- रविंद्र कौशिक। वह आज भी महान जासूसों में गिने जाते हैं।
एयर फोर्स ऑफिसर के घर जन्मे रविंद्र को बचपन से ही थिएटर का काफी शौक था। यहीं उनपर एक इंटेलिजेंस ऑफिसर की नजर पड़ी और उनके जासूस बनने की कहानी शुरू हुई।
दो साल तक रविंद्र को अंडर कवर एजेंट बनने की ट्रेनिंग दी गई, जहां उर्दू भाषा सिखाने से लेकर यह भी सिखाया गया कि मुस्लिम कैसे रहते हैं।
रविंद्र को इसके बाद पाकिस्तान भेजा गया, जहां वो नवी अहमद शकीर कहलाए। उन्होंने कराची यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया और पाकिस्तान आर्मी ज्वाइन की।
वह मेजर तक बन गए और वहीं की एक महिला से शादी की। लेकिन एक दिन रविंद्र पकड़े गए और मियानवाली जेल में डाल दिए गए। पाकिस्तान के किए जुल्मों की वजह से उनका देहांत हो गया।
रविंद्र को इंदिरा गांधी ने ब्लैक टाइगर की उपाधि दी थी। उनकी कहानी से प्रेरित बॉलीवुड में ना सिर्फ टाइगर बल्कि मिशन मजनू, गदर जैसी कहीं फिल्मों के सीन्स लिखे गए हैं।