Income Tax Budget 2025: भारत में हर वर्ष बजट पेश किया जाता है, जिसमें कर ढांचे से लेकर आर्थिक नीतियों तक कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जाते हैं। केंद्रीय बजट 2025 को लेकर वेतनभोगी वर्ग की उम्मीदें काफी अधिक हैं, क्योंकि पिछले बजट में उन्हें निराशा हाथ लगी थी। इस बार कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार कर-मुक्त आय सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर सकती है और कर स्लैब को सरल बना सकती है। इस लेख में हम आयकर बजट 2025 से जुड़ी सभी संभावित बदलावों और उनके प्रभावों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
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Important Dates of Union Budget 2025
केंद्रीय बजट 2025 की महत्वपूर्ण तिथियां: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय बजट (Union Budget 2025) पेश करेंगी। इससे पहले, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 31 जनवरी 2025 को संयुक्त संसदीय सत्र को संबोधित करेंगी, जिसके साथ ही बजट सत्र की शुरुआत होगी। यह सत्र 13 फरवरी 2025 तक चलेगा। इसके अलावा, आर्थिक सर्वेक्षण 31 जनवरी 2025 को पेश किया जाएगा, जिसमें सरकार की आर्थिक नीतियों और भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।
वेतनभोगी वर्ग के लिए संभावित कर राहत
(क) आयकर छूट सीमा में बढ़ोतरी
रिपोर्टों के अनुसार, सरकार कर-मुक्त वार्षिक आय सीमा को वर्तमान ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹10 लाख कर सकती है। यह परिवर्तन मध्यम वर्ग के वेतनभोगी नागरिकों के लिए राहतभरा हो सकता है, जिससे उनकी कर देनदारी घटेगी और उनकी बचत बढ़ेगी।
(ख) कर स्लैब का सरलीकरण
मौजूदा कर ढांचा कई स्तरों में विभाजित है, जिससे करदाताओं को जटिलताओं का सामना करना पड़ता है। बजट 2025 में निम्नलिखित बदलावों की संभावना है:
- मूल छूट सीमा को ₹5 लाख किया जा सकता है।
- 15 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कर की दरें कम करने की मांग उठ रही है।
- उच्चतम 30% टैक्स स्लैब की सीमा को 15 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया जा सकता है।
- नया 25% टैक्स स्लैब लागू किया जा सकता है, जिससे मध्यम वर्ग को और राहत मिलेगी।
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एकीकृत कर व्यवस्था: पुरानी और नई कर व्यवस्था का विलय
वर्तमान में दो प्रकार की कर व्यवस्थाएं हैं – पुरानी कर व्यवस्था और नई कर व्यवस्था। यह दोहरी प्रणाली करदाताओं के लिए भ्रमित करने वाली साबित हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि बजट 2025 में:
- एकीकृत कर प्रणाली लागू की जा सकती है, जिससे कर ढांचा सरल हो जाएगा।
- बचत योजनाओं और कटौतियों में बढ़ोतरी की जा सकती है।
- सरकार पुरानी कर व्यवस्था को धीरे-धीरे समाप्त करने के लिए एक ‘सनसेट क्लॉज’ लागू कर सकती है।
बीडीओ इंडिया की कर विशेषज्ञ दीपाश्री शेट्टी का मानना है कि इस बदलाव में कुछ समय लग सकता है, लेकिन यह करदाताओं, नियोक्ताओं और वित्तीय संस्थानों के लिए फायदेमंद होगा।
पूंजीगत लाभ कर में संभावित बदलाव
वर्तमान में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) कर में ₹1.25 लाख तक की छूट मिलती है। बजट 2025 में इस सीमा को बढ़ाकर ₹2 लाख या उससे अधिक किया जा सकता है। इसके अलावा, धारा 54 के तहत होल्डिंग पीरियड को 3 साल से घटाकर 24 महीने किया जा सकता है, जिससे निवेशकों को अधिक लाभ होगा।
Budget 2025 से संभावित फायदे
Budget 2025 में अगर उपरोक्त बदलाव किए जाते हैं, तो इससे निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं:
- वेतनभोगी वर्ग की कर देनदारी घटेगी, जिससे उनकी बचत और व्यय करने की क्षमता बढ़ेगी।
- सरल कर ढांचा लागू होगा, जिससे करदाता बिना किसी जटिलता के सही कर व्यवस्था का चयन कर सकेंगे।
- बचत और निवेश को बढ़ावा मिलेगा, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
- मध्यम वर्ग की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा, जिससे उनकी जीवनशैली बेहतर होगी।
- स्टार्टअप्स और छोटे निवेशकों को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे नई उद्यमिता को बल मिलेगा।
निष्कर्ष – Income Tax Budget 2025
Income Tax Budget 2025: बजट 2025 से वेतनभोगी वर्ग और निवेशकों को काफी उम्मीदें हैं। कर मुक्त आय सीमा बढ़ाने, कर स्लैब में सुधार करने और पूंजीगत लाभ कर में छूट देने जैसे बदलावों से मध्यम वर्ग को राहत मिल सकती है। हालांकि, अंतिम निर्णय 1 फरवरी 2025 को बजट (India Budget) पेश होने के बाद ही स्पष्ट होगा। अगर सरकार कर ढांचे को सरल बनाती है और आयकर दायरे को बढ़ाती है, तो यह आम नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।