Union Budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने 1 फरवरी 2025 को संसद में अपना आठवां केंद्रीय Budget प्रस्तुत किया। इस बजट में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं, जो देश के विभिन्न वर्गों और क्षेत्रों को सशक्त बनाने का लक्ष्य रखती हैं। आइए, इस बजट की प्रमुख पहलों और उनके संभावित प्रभावों पर विस्तृत चर्चा करें।

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Income Tax में ऐतिहासिक छूट: मध्यम वर्ग के लिए राहत

Finance Minister ने आयकर छूट की सीमा को 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया है। इसका अर्थ है कि अब 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले व्यक्तियों को कोई आयकर (Income tax) नहीं देना होगा। इस कदम से मध्यम वर्ग के लोगों की क्रय शक्ति में वृद्धि होगी, जिससे उपभोक्ता मांग को बढ़ावा मिलेगा और अर्थव्यवस्था में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

नए आयकर स्लैब:

  • 0 – 12 लाख रुपये: कोई कर नहीं
  • 12 – 18 लाख रुपये: 10%
  • 18 – 25 लाख रुपये: 20%
  • 25 लाख रुपये से अधिक: 30%

इस संरचना से मध्यम और उच्च आय वर्ग के लोगों को कर में राहत मिलेगी, जिससे उनकी बचत और निवेश की क्षमता में वृद्धि होगी।

महिलाओं के लिए विशेष पहल: ‘नारी शक्ति’ पर जोर

सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है। ‘नारी शक्ति’ को चार प्रमुख फोकस क्षेत्रों में शामिल किया गया है, जो महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक उत्थान के लिए समर्पित हैं।

महिलाओं के लिए प्रमुख घोषणाएँ:

  • महिला उद्यमिता को बढ़ावा: महिलाओं के स्व-सहायता समूहों (SHGs) को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे वे अपने व्यवसायों का विस्तार कर सकें।
  • शिक्षा और कौशल विकास: महिलाओं के लिए विशेष शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे, ताकि वे रोजगार के नए अवसरों का लाभ उठा सकें।
  • स्वास्थ्य सुविधाएँ: महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए विशेष योजनाएँ लागू की जाएंगी, जिसमें मातृत्व स्वास्थ्य और पोषण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

इन पहलों से महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकेंगी।

Make in India: घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा

‘Make in India’ पहल के तहत, सरकार ने घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसका उद्देश्य भारत को एक वैश्विक विनिर्माण हब के रूप में स्थापित करना है।

प्रमुख घोषणाएँ:

  • उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI): चुनिंदा क्षेत्रों में PLI योजना का विस्तार किया जाएगा, जिससे घरेलू और विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
  • MSME के लिए समर्थन: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए वित्तीय सहायता और कर में राहत प्रदान की जाएगी, जिससे वे अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ा सकें।
  • निर्यात प्रोत्साहन: निर्यातकों के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनाएँ लागू की जाएंगी, जिससे भारतीय उत्पादों की वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।

इन पहलों से देश में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

कृषि क्षेत्र में सुधार: किसानों के लिए नई योजनाएँ

कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं, जो किसानों की आय बढ़ाने और कृषि उत्पादन में सुधार लाने में सहायक होंगी।

प्रमुख घोषणाएँ:

  • राष्ट्रीय खाद्य तिलहन मिशन: दालों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए यह मिशन शुरू किया गया है, जिसमें अरहर, उड़द और मसूर जैसी दालों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • उच्च उपज वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन: उच्च उपज, कीट प्रतिरोध और जलवायु लचीलेपन वाले बीजों के विकास और प्रसार के लिए यह मिशन शुरू किया गया है।
  • कृषि अवसंरचना कोष: कृषि अवसंरचना के विकास के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के कोष की स्थापना की गई है, जिससे कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस और अन्य सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा।

इन पहलों से किसानों की आय में वृद्धि होगी और कृषि क्षेत्र में स्थिरता आएगी।


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जल जीवन मिशन: भारत के जल भविष्य को सुरक्षित करना

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वित्त मंत्री ने जल जीवन मिशन को 2028 तक बढ़ाने की घोषणा की है, जिसके लिए 67,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसका उद्देश्य प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना है।

प्रमुख बिंदु:

  • ग्रामीण क्षेत्रों में फोकस: ग्रामीण क्षेत्रों में पाइपलाइन नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा, जिससे स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
  • सामुदायिक भागीदारी: स्थानीय समुदायों को जल संरक्षण और प्रबंधन में शामिल किया जाएगा, जिससे जल संसाधनों का सतत उपयोग संभव हो सके।
  • जल गुणवत्ता निगरानी: जल की गुणवत्ता की नियमित निगरानी के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जिससे जल जनित रोगों की रोकथाम हो सके।

इस मिशन से देश के जल संसाधनों का संरक्षण होगा और जनस्वास्थ्य में सुधार आएगा।

जहाज निर्माण और समुद्री विकास: समुद्री क्षेत्र को बढ़ावा

भारत की समुद्री अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जहाज निर्माण नीति 2025 की घोषणा की है। इस नीति के तहत, घरेलू जहाज निर्माण कंपनियों को प्रोत्साहन दिया जाएगा, जिससे भारत वैश्विक जहाज निर्माण उद्योग में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन सके।

प्रमुख घोषणाएँ:

  • नए शिपयार्ड निर्माण: सरकार प्रमुख बंदरगाहों के पास नए शिपयार्ड स्थापित करने के लिए 25,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
  • नौवहन सुरक्षा: समुद्री परिवहन को अधिक सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल बनाने के लिए नए नियम लागू किए जाएंगे।
  • नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy): मछली पालन, समुद्री खनिज संसाधनों और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 10,000 करोड़ रुपये का विशेष कोष स्थापित किया जाएगा।

इन पहलों से न केवल भारत की समुद्री व्यापार क्षमता बढ़ेगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।


Digital India 2.0: टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का युग

डिजिटल क्रांति को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने “Digital India 2.0” की घोषणा की है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ब्लॉकचेन और साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

प्रमुख पहलें:

  • 5G और 6G नेटवर्क का विस्तार: दूरसंचार कंपनियों को 6G परीक्षण के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और ग्रामीण इलाकों में 5G नेटवर्क विस्तार किया जाएगा।
  • AI और मशीन लर्निंग: AI स्टार्टअप्स के लिए 15,000 करोड़ रुपये का इनोवेशन फंड लॉन्च किया जाएगा।
  • डिजिटल भुगतान को बढ़ावा: UPI और डिजिटल लेन-देन को अधिक सुलभ बनाने के लिए नए प्लेटफॉर्म विकसित किए जाएंगे।
  • साइबर सुरक्षा: सरकार नए साइबर सुरक्षा कानून लाने की योजना बना रही है ताकि डिजिटल डेटा सुरक्षित रहे।

डिजिटल इंडिया 2.0 के माध्यम से भारत को टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की जाएगी, जिससे वैश्विक कंपनियाँ भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित होंगी।


रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता: ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा

भारत की रक्षा क्षमताओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने रक्षा आत्मनिर्भरता मिशन की घोषणा की है। इस मिशन के तहत, भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के लिए स्वदेशी हथियार और रक्षा उपकरण बनाए जाएंगे।

प्रमुख घोषणाएँ:

  • स्वदेशी रक्षा उत्पादन: सरकार ने अगले 5 वर्षों में 5 लाख करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण भारत में ही बनाने का लक्ष्य रखा है।
  • निजी कंपनियों के लिए अवसर: रक्षा क्षेत्र में निजी कंपनियों को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण: अत्याधुनिक तकनीक से लैस ड्रोन, मिसाइलें और टैंक बनाए जाएंगे।

इस पहल से न केवल देश की सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।


स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति: ‘आयुष्मान भारत 2.0’ योजना

सरकार ने ‘आयुष्मान भारत 2.0’ की शुरुआत की है, जिसमें गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी।

प्रमुख घोषणाएँ:

  • आयुष्मान भारत योजना का विस्तार: अब इस योजना के तहत 10 करोड़ और परिवारों को जोड़ा जाएगा।
  • नए सरकारी अस्पताल: 50 नए एम्स स्तर के अस्पताल बनाए जाएंगे।
  • सस्ती दवाइयाँ: ‘जन औषधि केंद्र’ की संख्या बढ़ाकर 20,000 की जाएगी ताकि सस्ती दवाइयाँ हर किसी को उपलब्ध हो सकें।
  • टेलीमेडिसिन सेवा: ग्रामीण इलाकों में मुफ्त ऑनलाइन स्वास्थ्य परामर्श की सुविधा दी जाएगी।

इस योजना से देश के हर नागरिक को बेहतर और किफायती चिकित्सा सेवाएँ मिल सकेंगी।


शिक्षा क्षेत्र में सुधार: ‘राष्ट्रीय शिक्षा मिशन’

शिक्षा प्रणाली को और अधिक प्रभावी और आधुनिक बनाने के लिए सरकार ने ‘राष्ट्रीय शिक्षा मिशन’ की घोषणा की है।

प्रमुख घोषणाएँ:

  • नई राष्ट्रीय पाठ्यक्रम नीति: स्कूलों में 21वीं सदी के कौशल (AI, कोडिंग, वित्तीय शिक्षा) पर जोर दिया जाएगा।
  • सरकारी स्कूलों का आधुनिकीकरण: अगले 3 वर्षों में 5 लाख स्मार्ट क्लासरूम बनाए जाएंगे।
  • शिक्षक प्रशिक्षण: शिक्षकों को आधुनिक तकनीकों से प्रशिक्षित करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया गया है।
  • छात्रवृत्ति: मेधावी छात्रों के लिए 50,000 नई छात्रवृत्तियाँ प्रदान की जाएँगी।

इन सुधारों से शिक्षा प्रणाली को विश्व स्तरीय बनाने में मदद मिलेगी।


बुनियादी ढांचे में बड़ा निवेश: ‘भारत इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन’

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देश के विकास को गति देने के लिए ‘भारत इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन’ की शुरुआत की गई है, जिसके तहत सड़कों, रेलवे, मेट्रो, हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर बड़ा निवेश किया जाएगा।

प्रमुख परियोजनाएँ:

  • बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट: मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के बाद अब दिल्ली-वाराणसी और चेन्नई-बेंगलुरु मार्ग पर बुलेट ट्रेन परियोजनाएँ शुरू की जाएँगी।
  • एक्सप्रेसवे और हाईवे: 50,000 किमी नए हाईवे और एक्सप्रेसवे बनाए जाएँगे।
  • स्मार्ट सिटी परियोजना: 100 और शहरों को स्मार्ट सिटी में तब्दील किया जाएगा।
  • रेलवे का आधुनिकीकरण: 100 नई सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों को लॉन्च किया जाएगा।

इस मिशन से देश की आधारभूत संरचना मजबूत होगी और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।


पर्यावरण संरक्षण और ग्रीन एनर्जी: ‘हरित भारत मिशन’

सरकार ने पर्यावरण सुरक्षा और अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए ‘हरित भारत मिशन’ की शुरुआत की है।

प्रमुख पहलें:

  • सौर ऊर्जा संयंत्र: 5 लाख नए सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।
  • इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा: इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी को 2030 तक बढ़ा दिया गया है।
  • वृक्षारोपण अभियान: अगले 5 वर्षों में 10 करोड़ नए पेड़ लगाए जाएंगे।
  • कार्बन न्यूट्रल लक्ष्य: भारत ने 2045 तक कार्बन न्यूट्रल बनने का लक्ष्य रखा है।

इस मिशन से पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ देश की ऊर्जा सुरक्षा भी मजबूत होगी।


निष्कर्ष: Union Budget 2025 भारत के लिए एक बड़ा कदम

Budget 2025 India: Union Budget 2025 भारत को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस Budget में मध्यम वर्ग को कर में राहत, किसानों के लिए नई योजनाएँ, बुनियादी ढांचे में बड़े निवेश, डिजिटल इंडिया और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता जैसे कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं।

यह बजट आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और सामाजिक उत्थान में सहायक होगा और भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने के दृष्टिकोण की ओर तेजी से आगे बढ़ाएगा।

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